मत दे मुझे शहंशाही ऐ मेरे मालिक , करम इतना कर कि ताउम्र गैरों के लिए दुआ निकले | जिंदगी जैसी भी तू देगा कुबूल है मुझे , पर मौत ऐसी हो कि जहाँ रोये ,जब मेरे जनाजे का कारवाँ निकले|