गुरु सबसे पाहिले चूँकि हम बनारसी है त हमर फर्ज इ बनेला की हम बनारस के बारे में लिखी और वही अंदाज में लिखी..........उ गंगा मैया का किनारा उ झमाझम जाम जहाचले बदे दो इन्चंह का जमीन न हौ लेकिन चार इन्च का मुस्कान सबके चेहरा पे मिल जाई..
बनारसी दुनिया के चाहे जौनो कोना में रहे आपन झंडा गाड के रहेलन।
चाय के दुकान पे एक रूपया क चाय ले के सरकार बनावे से लेके क्रिकेट का वर्ल्ड कप के जीतता हाउ इ बार अगर कोई बता सकेला त उ बनारसी ही हौ।
Great blog and great thinking about bhojpuri ..
ReplyDeleteread your post about the chandigarh rikshawala n i agree , talking in our own language should make us proud.
have been in chandigarh n banaras both.
Thanx Sangeeta jee.....
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